.

आपके दिल को छू जाएगी एक कहानी अधूरी सी


 राहुल एक महत्वाकांक्षी लड़का है वह अपनी जिंदगी में बहुत कुछ करना चाहता है । और क्यों ना चाहे उसमे सभी तो खूबियां है , अच्छा पढ़ा लिखा होने के साथ साथ वह एक अच्छा कलाकार भी है । वह हर किसी के साथ कुछ ही पलों में ऐसे घुल मिल जाता है मानो उसे कई वर्षों से जानता हो। रही बात लड़कियों की , तो बहुत सी लड़कियां उसकी दोस्त है । हर लड़की जिससे भी वो मिलता है उसकी जल्दी ही दोस्त बन जाती है। सभी को खुश रखना , किसी की ख़ुशी के लिए कुछ भी कर देना ये सब उसकी आदत बन गयी है। ऐसा लगता है कि वह हर कार्य बस दुसरो की मुस्कान के लिए करता है । दरअसल राहुल के पिताजी उसे बहुत प्यार करते थे, क्योंकि राहुल के पिताजी एक अध्यापक होने के साथ अच्छे कवी भी थे और पिताजी जो भी कविता लिखते राहुल बचपन से ही उन कविताओं को याद करके मंचों पर बड़े ही खूबसूरत अंदाज़ में प्रस्तुत किया करता था । ना जाने कितने ही अवार्ड और रिवार्ड उसे पारितोषिक के रूप में मिलते थे।ये देख कर राहुल के पिताजी फूले नहीं समाते थे । लेकिन किसे पता था कि उसके पिताजी राहुल को खेलने कूदने की छोटी सी उम्र में ही छोड़कर भगवान के पास चले जायेंगे । दुर्भाग्य से जब राहुल बहुत छोटा था तब ही उसके पिताजी स्वर्ग सिधार गये । माँ दूसरी थी तो माँ का व्यवहार भी राहुल के प्रति ठीक नहीं था वो भी राहुल पर बहुत ही अत्याचार करती थी । राहुल बिलकुल अकेला हो गया था । दूसरी बात ये भी थी कि सभी भाई बहनों में राहुल सबसे बड़ा भी था । राहुल का वो वक्त बहुत ही बुरा गुजर रहा था। लेकिन राहुल को साहित्य पढ़ने का बचपन से ही बहुत शौक था । क्योंकि उसके पिताजी उसके लिए जब भी मौका मिलता नयी नयी किताबे लेकर आया करते थे। वैसे किताबे पढ़ना बहुत ही अच्छी बात होती है ये समझ लो की जैसे हम रोटी में घी लगा कर खाते है तो वह बहुत ही स्वादिस्ट लगती है । ऐसे ही किताबे भी हमारे दिमाग के लिए घी का काम करती है । और हमें जिंदगी के बारे में बहुत कुछ समझने में आसानी होती है । इसलिए राहुल को बचपन में ही काफी ज्ञान प्राप्त हो गया था । एक दिन जब राहुल बहुत ही दुखी था तब उसने बड़े ही संयम से काम लिया , और ये सोचा कि अगर इस दुनिया में उसका कोई नहीं है तो क्या हुआ वो तो सबका है ना , और तभी से वो सबको खुश रखने की बहुत कोशिशें करता रहता है।और तभी से वह कमाने में लग गया और अपनी पढाई पूरी करने लगा । अपने छोटे भाई बहनों को भी उसने खूब पढ़ाया ।

आज माँ भी उसे बहुत ही प्यार करने लगी है। करे भी क्यों ना आखिर दूध देने वाली गाय सबको अच्छी लगती है। खैर छोड़िये ये बात अब मैं कहानी की शुरुआत करता हूँ । राहुल को लगता था कि जिंदगी में जन्म लेना और मरना इन दोनों  कार्यो के अलावा भी एक कार्य है ,जो महत्व पूर्ण है । वो है किसी से मोहब्बत हो जाना।अब यूँ तो राहुल के अच्छे व्यवहार की वजह हर लड़की ही उससे दोस्ती कर लेती है ।लेकिन राहुल को कभी किसी से मोहब्बत नहीं हुई । इसकी एक वजह ये भी है क़ि राहुल ने पहले से सोच के रखा हुआ था कि जिससे भी वो प्यार करेगा उसमें दो बातें तो अवश्य ही होनी चाहिए  और सोचे भी क्यों ना एक ये ही जीवन में ऐसा कार्य है जिस पर हमारा अधिकार है जिसके लिए हम अपना मनपसंद साथी चुन सकते है। वर्ना जन्म और मृत्यु पर अपना अधिकार ही कंहा है । कब कैसे कंहा हो जाये क्या कहा जा सकता है।इसलिए राहुल ने भी सोच रखा था कि कम से कम लड़की में दो बाते तो होनी ही चाहिए पहली ये की लड़की कम से कम ऐसी तो होनी ही चाहिए जो अपनी जिंदगी के कुछ फैसले खुद ही करने क्षमता रखती हो। मेरा मतलब अपने मन की सुनने वाली हो। और दूसरी बात ये हो की लड़की या तो कलाकार होनी चाहिए या कला को पसंद करने वाली होनी चाहिए । क्योंकि राहुल एक कलाकार है तो वह उसे अच्छी तरह समझ सके । अब जितनी भी लड़कियां राहुल की दोस्त है उनमें से उसे कोई ऐसी लड़की नहीं थी जो राहुल की इन दो बातों पर खरी उतरती हो । खैर इससे राहुल को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था । वह अपनी जिंदगी में बहुत खुश था। शायद इसलिए ही वह सबकी ख़ुशी की वजह बनने में कामयाब था।  क्योंकि जो खुद बहुत खुश रहता हो वो किसी दूसरे को ख़ुशी दे सकता है। जिसके पास स्वंय खुशियाँ नहीं है वह भला किसी दूसरे को ख़ुशी कैसे दे सकता है। सबकुछ अच्छा चल रहा था । कि फेसबुक पर राहुल की मुलाकात आँचल से हुई । आँचल एक कलाकार है। और हिमाचल की रहने वाली है । लेकिन वह राजस्थान के गुलाबी नगर जयपुर में अकेली रहती है । सिर्फ इसलिए क्योंकि उसे जयपुर में रहना ही पसंद है। हालांकि वह एक अच्छी कलाकार है , अगर चाहे तो मुम्बई में जाकर एक अच्छी कामयाब लड़की बन सकती है । पर उसे जयपुर में रहना ही पसंद है तो वह जयपुर में रहती है। बात साफ़ सी है कि आँचल एक ऐसी लड़की है कि वह सिर्फ अपने मन की सुनती है । अब आपको कहानी काफी हद तक तो समझ आ गयी होगी कि ये कहानी राहुल और आँचल कि ही है।मुझे पता है आपकी इच्छा इस कहानी को पूरी तरह जानने की हो रही है ।खैर में आपको पूरी कहानी से जरूर अवगत कराऊंगा । दोनों की फेसबुक पर अच्छी दोस्ती हो गयी । बाद में एक दूसरे के फोन नम्बर तक का आपस में लेनदेन हो गया और बाते होने लगी। क्योंकि आँचल भी अपनी दुनिया में अकेली थी और राहुल भी । अब दोनों एक दूसरे से मिलने की सोचने लगे । और आखिर वो दिन आ ही गया जब राहुल को आँचल से मिलना था। राहुल सुबह 7 बजे वाली रेल से जयपुर पँहुच गया। ये रेल जयपुर करीब 11 बजे तक पंहुची होगी । इतने में आँचल का 2 बार फोन भी आ चुका था । राहुल को लगा की शायद उसे कोई चाहने वाली  मिल गयी है । और आँचल जयपुर के रेलवे स्टेशन पर ही राहुल को मिलने आ गयी । और हां आँचल के बारे में एक बात तो आपको बताना ही भूल गया  कि आँचल को पुलाव खाना बहुत ही पसंद है। और आज आँचल अपना मनपसंद पुलाव राहुल के लिए भी बनाकर लाई थी। राहुल बहुत खुश था उसने कल्पना भी नहीं कि थी आँचल पहली ही मुलाकात में उसके लिए अपने हाथों से पुलाव बनाकर लायेगी । उस दिन दोनों ही रेलवे स्टेशन के पास ही एक रेस्तरां बैठे थे। और राहुल पुलाव खाने लगा । पुलाव इतना तीखा था कि खाते वक्त राहुल के चेहरे पे पसीने आने लगेऔर आँचल समझ गयी थी कि राहुल तीखा नहीं खाता है । तो राहुल के लिए तुरंत आइसक्रीम ले आई । ये देख कर राहुल और भी खुश हुआ कि आँचल कितनी अच्छी है। उसके बाद दोनों जयपुर के चिड़ियाघर घूमने गये बाद में सिनेमा भी गये । शाम हो चुकी थी ,और फिर राहुल वापस रात वाली रेल से अपने शहर लौट आया था। उसके बाद दोनों की बाते होती रहती थी । एक दिन आँचल का फोन आया और उसने राहुल से कहा कि उसके चेहरे पर पिम्पल हो गए है । राहुल ने तुरंत उसे पिम्पल की सबसे अच्छी क्रीम कोरियर करवा दी। यूँ ही ये दोस्ती का रिश्ता चलता रहा । 2 माह बीत चुके थे और एक दिन राहुल ने आँचल से अपने दिल की बात कह दी । लेकिन आँचल ने उसे मना कर दिया । पता नहीं क्या हुआ था राहुल समझ ही नहीं पाया । और बस फिर आँचल राहुल को बात भी कम करने लगी । और अगर कोई बात उसे राहुल को बतानी भी होती तो वह राहुल को फोन करती अपनी बात कहती और जैसे राहुल कुछ बोलने को होता आँचल कुछ भी बहाना लगाकर फोन काट देती। राहुल को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था।कुछ दिनों बाद राहुल के व्हात्सप्प पर आँचल का मैसेज आया कि उसकी जिंदगी में कोई आ गया है । और वो उससे प्यार करने लगी है।राहुल की स्थिति उस वक्त क्या रही होगी आप अच्छी तरह समझ सकते है । उसे यंहा शब्दों में बयां करना मुश्किल होगा। अगर आँचल पहले से ही किसी से प्यार करती होती तो भी शायद राहुल को कोई दुःख नहीं होता पर इस वक्त उसे बहुत ही दुःख हुआ ।मैं भी नहीं समझ पाया कि आखिर एक लड़की अपने साथी में क्या देखती है।मैं तो अब तक ये ही समझता था कि किसी भी रिश्ते में एक दूसरे का ख्याल रखना ,आपस में एक दूसरे को समझना, एक दूसरे पर विश्वाश करनाऔर प्रेम शायद ये ही सब जरूरी होता है । पर मैं गलत था शायद मैं समझ ही नहीं पाया कि लड़की आखिर एक लड़के में देखती क्या है और शायद उस वक्त राहुल भी ये बात नहीं समझ पाया होगा । खैर कुछ दिनों बाद आँचल की राहुल से फिर फोन पर बाते होने लगी लेकिन अब बातों में एक बड़ा अंतर आ गया था।जब भी आँचल को कोई बात बतानी होती या फिर कोई काम होता तो ही वह राहुल को फोन करती थी । नहीं तो उसने राहुल के  फोन और मैसेज का जवाब देना भी छोड़ दिया था। और एक दिन तो आँचल ने राहुल का नम्बर ब्लॉक भी कर दिया । कई दिनों तक नंबर ब्लॉक ही रहा । राहुल दूसरे नम्बर से उसे मैसेज करके माफ़ी मांगता ही रहा । क्योंकि राहुल कुछ भी सह सकता था पर आँचल की नाराजगी नहीं इसलिए वह उससे जब भी मौका मिलता माफ़ी मांगता ही रहता । और एक दिन आँचल का मैसेज आया की उसने राहुल को अनब्लॉक कर दिया है । और आगे से वो दोस्ती का रिश्ता रखेगी। राहुल को आँचल की दोस्ती भी मंजूर थी क्योंकि वह उसे किसी भी हाल में खोना  नहीं चाहता था। हां बस एक दुःख जरूर था वो आप जान ही गये हो। फिर एक दिन राहुल दोबारा जयपुर गया और आँचल से मिला भी था।  आँचल उस वक्त कुछ परेशानी में चल रही थी , मगर उसने राहुल को अपनी परेशानी साफ साफ नहीं बताई नहीं तो राहुल उसके लिए कुछ भी करने को तैयार था  । 

बस उसने राहुल को इतना ही बताया कि उसका मकान मालिक अच्छा नहीं है उसे रहने के लिए कोई नया कमरा चाहिए । राहुल का एक दोस्त जयपुर में रहता था उससे बोलकर आँचल को नया कमरा भी दिलवा दिया। कुछ दिनों बाद आँचल को कुछ पैसे की जरुरत भी पड़ी तो राहुल ने अपने उसी दोस्त को बोलकर उसके पास पैसे भी पंहुचा दिए । क्योंकि राहुल आँचल की दोस्ती में भी खुश था। उसे लगता था कि आँचल उसकी सबसे अच्छी दोस्त है । पर पता नहीं आँचल के मन में राहुल के प्रति क्या था । वो उससे तब ही बात करती थी जब या तो उसे कोई बात राहुल को बतानी होती थी या उसका उसके बॉयफ्रेंड से झगड़ा हो जाता था। जो अक्सर होता ही रहता था। सोशल मिडिया में उसके अक्सर ऐसे ही स्टेटस पोस्ट होते रहते थे जिनसे साफ़ जाहिर होता था कि वो उस लड़के के साथ खुश नहीं है और उनका अक्सर मनमुटाव होता ही रहता है। ब्रेकअप और पैचअप तो उनके रिश्ते में अक्सर ही होता रहता था।  यंहा में आपको एक बात बताना भूल ही गया कि आँचल कभी कभी राहुल को फोन करके अपने दिल की लगभग हर बात बता देती थी।पर वो राहुल की कोई भी बात सुनती नहीं थी। एक दिन आँचल ने राहुल को मैसेज किया कि वो राहुल के हाथ से बना हुआ कुछ खाना चाहती थी। । नहीं समझे ना अरे राहुल जितना अच्छा कलाकार है उससे कंही ज्यादा अच्छी कूकिंग करने में माहिर है। एक दिन राहुल ने आँचल को अपने हाथ से बने हुए पुलाव खिलाने की ठान ही ली। क्योंकि आप जानते ही हो की आँचल को पुलाव बहुत पसंद है। फिर क्या था रात को 3 बजे राहुल ने उठकर अपने मन से आँचल के लिए पुलाव बनाया और टिफिन में पैक करके सुबह 7 बजे वाली रेल से जयपुर पँहुच गया । और आँचल को पुलाव से भरा टिफिन थमा दिया । आँचल ने सिर्फ एक  ही सवाल किया कि राहुल तुमने इस पुलाव में गोभी डाली है क्या लेकिन राहुल ने मना कर दिया । क्योंकि पुलाव में गोभी नहीं डाली थी  । हाँ उसके मुंह से ये निकल गया कि आँचल ये अलग ही तरह का पुलाव है जिसमे गोभी नहीं डाली जाती है इसमें टमाटर का केचप डाला जाता है। बस उसी दिन राहुल को पता चला कि आँचल को गोभी बहुत ही ज्यादा पसंद है और टमाटर केचप बिलकुल भी पसंद नहीं है। फिर भी आँचल ने राहुल से टिफिन लिया और चली गयी। और राहुल वापस आता हुआ यही सोच रहा था कि चाहे वो कितना भी अच्छा खाना बनाता हो पर जो चीज़ किसी को पसंद ही नहीं है उसके बारे में उसे पहले जरूर पूछ लेना चाहिए था । बस में बैठा हुआ राहुल ये सोचता हुआ जा रहा था कि पहली बार में ही सब कुछ गलत हो गया । एक घंटे बाद जब उसने अपना फोन देखा तो पता चला कि फोन पर आँचल की करीब 10 मिस कॉल आई हुयी थी। उसने तुरंत आँचल को फोन किया तो आँचल ने जो पुलाव की तारीफ की वो तो शब्दों में बताई ही नहीं जा सकती । जो चीज़ उसे पसंद नहीं थी वो उसने पुलाव में डाली ही नहीं और जो चीज़ उसे बिलकुल पसंद नहीं थी वो उसने पुलाव में खूब डाली थी। उसके बावजूद उसे पुलाव बहुत ही ज्यादा पसंद आया यंहा तक कि आँचल ने तो ये कह दिया की ऐसा ही पुलाव दुबारा कब खिलाओगे । राहुल ने कहा कि आँचल अगली बार आपके लिए  इससे भी अच्छी कोई रेसिपी बनाकर लाऊंगा लेकिन आँचल को पुलाव इतना पसंद आया था कि उसने कहा मुझे कुछ और नहीं खाना आप तो बस ये पुलाव ही बनाकर लाना। कहते है जैसा खाये अन्न वैसा होवे मन और जैसा पिए पानी वैसी होवे वाणी इससे मिलता जुलता ही मेने कंही पढ़ा था कि खाना बनाते समय हमारे मन में जो विचार होते वैसा ही खाने वाले पर इसका असर होता है।  ये बात कितनी सही ये तो मैं नहीं जानता पर हां इतना जरूर जानता था कि पुलाव बनाते समय राहुल के मन में जो प्रेम था शायद वो प्रेम ही पुलाव में डल गया था। इसलिए आँचल को वो पुलाव इतना पसंद आया था ।  राहुल की नींद जो आँखों में भरी पड़ी थी क्योंकि रात 3 बजे से जागा हुआ था वो नींद ना जाने कंहा भाग गई वो बहुत खुश हुआ । वैसे भी कलाकार को बस वाह चाहिए होती है । करवा चौथ के कुछ दिनों बाद राहुल आँचल से मिलने गया तो आँचल ने कहा कि उसका ब्रेकअप हो गया है ।तो राहुल ने ये कहकर चुटकी ली कि आँचल कोई नयी बात बताओ ये ब्रेकअप और पैचअप तो आपकी जिंदगी में चलता ही रहता है। लेकिन आँचल गंभीर मुद्रा में बोली नहीं राहुल इस बार पैचअप नहीं होगा । क्योंकि आँचल ने उसके लिए करवा चौथ का व्रत रखा था । आजकल बॉयफ्रेंड के लिए भी करवा चौथ का व्रत रखने का फैशन चल पड़ा है। खैर जो भी हो बात तो एक दूसरे को समझने की है। वह पूरे दिन उसके लिए भूखी रही और रात को जब उससे मिली तो उसने झगड़ा कर लिया । राहुल  अब बस बहुत हो गया यार उसके लिए मेने क्या कुछ नहीं किया पर वो मुझे समझता ही नहीं है। अब कोई रिश्ता नहीं रखना मुझे उससे । ये सुनकर राहुल बस ये ही सोच रहा था कि वो भी कंहा राहुल को समझती है। खैर आँचल की बात वाजिब थी । उसे अब उसे इस मोड़ पर छोड़ ही देना चाहिए था । क्यों की हम किसी को अपना जीवन साथी इसलिए बनाते है कि अगर हमें कभी कोई दुःख हो तो उसके साथ बांटकर उसे कम किया जा सके इसलिए नहीं कि वो खुद ही हमारे दुखो का कारण बन जाये। राहुल ने  आँचल को उससे मिलने के बाद कभी खुश नहीं देखा था। फिर भी पता नहीं उसने राहुल को मना क्यों किया था राहुल ये बात अब तक भी नहीं समझ पाया । वैसे भी नारी को आज तक कौन समझ पाया है। राहुल उसे ख़ुशी देना चाहता था क्योंकि राहुल तो वैसे भी सबको खुशियाँ बाँटता फिरता है। और आँचल तो उसके लिए बहुत ही खास थी ये बात वो आँचल को बता भी चुका था।एक बार फिर राहुल एक दिन जयपुर आँचल से मिलने गया । यंहा पर एक बात आपको बताना बहुत ही जरुरी है कि आँचल उससे हमेशा एक ही जगह पर मिलती थी कई बार राहुल ने उसे जयपुर में ही किसी दूसरी जगह भी मिलने को बोला पर नहीं वो उससे सिर्फ एक ही जगह पर मिलती थी। उस दिन भी आँचल ने राहुल उसी जगह शाम को मिलने बुलाया वैसे वो हमेशा शाम को ही मिलती थी,और राहुल पँहुच गया करीब ढाई घंटे के लंबे इंतजार के बाद आँचल राहुल से मिलने आई । खैर प्यार में इंतज़ार तो होता ही है राहुल को इस बात का कोई बुरा नहीं लगा। लेकिन उसके दिमाग में एक बात जरूर आई कि आखिर आँचल उसे एक ही जगह मिलने क्यों बुलाती है। उसने मन ही मन ये फैसला कर लिया कि आज तो ये बात वो आँचल से पूछकर ही रहेगा। आँचल उस दिन थोड़ी खुश थी इसलिए नहीं की वो राहुल से मिल रही थी बल्कि इसलिए की उसका पैचअप हो गया था। आप भी सोच रहे होंगे कमाल की लड़की है। खैर राहुल ने जब आँचल से पूछा की वो उसे इसी जगह ही हमेशा क्यों मिलने बुलाती है। तो आँचल ने कहा कि ये जगह उसकी रोज की जिंदगी का हिस्सा है । वो रोज यँहा आती है । उसके सभी दोस्त भी यंही आते है और फिर देर रात तक सभी यंही रहते है। यानि राहुल उसकी जिंदगी का हिस्सा नहीं है। वो राहुल को बाकि सभी दोस्तों से ज्यादा कुछ नहीं समझती है। राहुल उससे मिलने के किये 6 घण्टे रेल में खड़ा होकर आता है । वो सब उसके लिए कोई मायने नहीं रखता है। आँचल तो रोज यंहा देर रात तक अपने दोस्तों के साथ रहती है। अगर किसी दिन राहुल भी आ जाता है तो क्या फर्क पड़ता है। राहुल को उस दिन अहसास हुआ कि इंसान का अच्छा होना भी कभी कभी गुनाह के जैसा होता है। जब कोई उसे समझना ही नहीं चाहता हो या समझकर भी जताना नहीं चाहता हो। एक बात राहुल को समझ नहीं आई कि अगर उसके इतने सारे दोस्त है और एक बॉयफ्रेंड भी है जो यंही जयपुर में ही रहता है । जिससे वो प्यार करती है। फिर भी आँचल खुश क्यों नहीं है उसकी जिंदगी में इतनी समस्या क्यों है।  जबकि राहुल उससे बहुत दूर रहता है फिर भी उसकी खुशी के लिए कुछ भी करने को हमेशा तैयार रहता है। वैसे इंसान की सबको खुश रखने आदत भी उसकी नाकामयाब होने की एक वजह हो सकती है। लेकिन राहुल अपनी ये आदत बदल नहीं सकता है क्योंकि उसके अपने उसे इसी बात की वजह से पसंद करते है। आपको क्या लगता है आँचल के सभी दोस्त सच्चे मित्र होंगे या जिससे वो प्यार करती है उसका वो प्यार सच्चा होगा नहीं अगर ऐसा होता तो उसकी जिंदगी में बहुत ख़ुशी होती।अगर वो आँचल का पहला प्यार भी होता तो बात समझ में आ सकती थी ,लेकिन एक दिन आँचल ने ही राहुल को बताया था कि वो लड़का उसका पहला प्यार नहीं है बल्कि वो लड़का उसका तीसरा बॉयफ्रेंड है। इतनी ही देर में वँहा आँचल के दोस्त आ गए थे । रात काफी हो चुकी थी  । राहुल के घर की ओर जाने वाली रेल भी निकल चुकी थी । वो  रात राहुल ने जयपुर  कैसे गुजारी होगी इसका अनुमान तो आप लगा ही सकते है। पूरी रात पहली बार सबको खुशियाँ बाँटने वाले राहुल आँखे नम ही रही। दूसरे दिन सुबह वो रेल में बैठ कर अपने घर वापस आ रहा था इसी फैसले के साथ कि अब आँचल से कभी नहीं मिलेगा । क्योंकि हमें अगर कोई पसंद आता है और हम उससे प्यार करने लगते है तो बस उससे रिक्वेस्ट ही कर सकते है । उस पर दबाव नहीं डाल सकते है।क्योंकि प्यार हमेशा प्यार से ही किया जाता है। अब आप सोच रहे होंगे की मैं राहुल के बारे में इतना सबकुछ कैसे जानता हूँ। तो दोस्तों साफ़ किये देता हूं । मैं ही राहुल हूँ । कहानी की शुरुआत में भी मैं ही था ।और कहानी की आखिरी पंक्ति भी मैं ही हूँ अगर मैं नहीं होता तो ये अधूरी सी कहानी खत्म कैसे होती.

लेखक - योगी योगेन्द्र 



EmoticonEmoticon