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99 % लोग अमरुद को सही तरीके से नहीं खाते है

नमस्कार मैं हूं योगी योगेन्द्र जैसा कि आप जानते हैं कि अमरूद को फल के रूप में खाया जाता है। अमरूद की सब्जी और चटनी भी बनाई जाती है। इसके अलावा अमरूद को अगर खाना खाने के बाद नियमित रूप से खाया जाए तो कब्ज की शिकायत दूर हो जाती है। अमरूद पूरी दुनिया में भारत में ही सबसे अधिक पैदा होता है। इसके अलावा अमरूद शरीर में होने वाले कई रोगों को समाप्त करने की क्षमता रखता है। लेकिन इसे हमेशा पूरा ही खाना चाहिए। आज मैं आपको बताउंगा कि अमरूद कौन कौन से रोगों में लाभदायक है और इसे आधा क्यों नहीं खाना चाहिए।





मुंह के छालों को समाप्त कर देता है
अगर आप मुंह के छालों से परेशान रहते हैं तो आप अमरूद के पत्तों से इलाज कर सकते हैं। इसके लिए सिर्फ आपको अमरूद के ताजा पत्तों को एक दो दिन मुंह में रखकर चबाना होता है। इससे मुंह के छाले समाप्त हो जाते हैं।

मलेरिया में लाभदायक
अगर आप को मलेरिया हो गया है और बुखार तेज है तो आप इसका उपाय अमरूद से कर सकते हैं। इसके लिए आपको एक पका हुआ अमरूद बुखार होने पर खाना है। इससे मलेरिया का बुखार जड से ही समाप्त हो जाता है।

पेट का आफरा दूर करता है
अगर आप के पेट में भारी पन रहता है तो आप एक पके हुए अमरूद में सौंठ कालिमिर्च और सेंधानमक डालकर खाएं। इससे पाचनक्रिया मजबूत होती है। हमेशा ध्यान रखें कि अमरूद को कभी भी खालीपेट नहीं खाएं और ना ही भोजन से पहले खाएं। इसे हमेशा भोजन करने के बाद ही खाना चाहिए।

अमरूद को पूरा खाना क्यों जरूरी है
आपने अक्सर बुजुर्ग लोगों के मुंह से सुना होगा कि एक आदमी को एक अमरूद पूरा ही खाना चाहिए। अगर अमरूद केा काटकर एक दो भाग खाए जाते हैं तो पेट में दर्द होने की संभावना होती हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि एक अमरूद में बहुत सारे बीज होते हैं लेकिन इसमें एक ऐसा बीज होता है जो इस पूरे अमरूद को पेट में जाने के बाद पचा देता है। अब अगर आपने एक अमरूद को चार भागों में काट लिया और चार लोगों ने अलग अलग खा लिया तो वो बीज किसके पेट में जाएगा यह पता लगाना मुश्किल होता है। इसलिए हमेशा पूरा अमरूद खाएं।

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